इस आदेश के बाद पांच और उससे अधिक लोगो को एक साथ रहने से मना किया है. राजनीतिक या धार्मिक जुलूसों और प्रदर्शनों पर भी रोक लगा दी गई है.

नोएडा ग्रेटर, नोएडा में लागू हुआ धारा 144



नोएडा: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 26 अप्रैल तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है. गौतमबुद्ध नगर के पुलिस अधिकारी ने यह आदेश जारी किया है. पुलिस ने अपने आदेश में बता है कि आगामी त्योहारों जैसे नवरात्रि, ईद , अंबेडकर जयंती, रामनवमी के साथ-साथ होने वाले विरोध प्रदर्शन और इस बीच होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले चरण के कारण लगाए गए हैं. पुलिस द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है, असामाजिक तत्वों द्वारा शांति भंग करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. गौतमबुद्ध नगर में शांति बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि किसी भी असामाजिक तत्वों को ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने से पहले ही रोका जाए. शांति का माहौल बन सकता है.



इकोनॉमिक्स टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक अतिरिक्त डीसीपी (कानून एवं व्यवस्था) हिरदेश कठेरिया ने स्थिति की तात्कालिकता और समय की कमी पर भी बात की. उन्होंने कहा, ”स्थिति की गंभीरता और तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए और समय की कमी के कारण किसी अन्य पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करना संभव नहीं है. इसलिए यह आदेश एकपक्षीय पारित किया जा रहा है. 

नोएडा, ग्रेटर नोएडा में धारा 144 लागू: किन-किन चीजों पर लगा बैन

इस आदेश के बाद पांच और उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने से मना किया गया है.. राजनीतिक या धार्मिक सहित अनधिकृत जुलूसों और या प्रदर्शनों पर भी रोक लगा दी गई है. इसके अलावा इस आदेश के मुताबिक सरकारी प्रतिष्ठानों के 1 किमी के दायरे में निजी ड्रोन के उपयोग को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है और सार्वजनिक स्थानों पर लाठी, रॉड, त्रिशूल, तलवार और आग्नेयास्त्र ले जाने पर भी बैन लगाया गया है.
आदेश में बताया गया, “सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक मार्गों पर नमाज, पूजा या किसी भी प्रकार के धार्मिक जुलूस पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे. अपरिहार्य परिस्थितियों में, पुलिस आयुक्त, या अतिरिक्त पुलिस आयुक्त या संबंधित क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त से अनुमति लेनी होगी.” इसके अलावा, आदेश में इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी व्यक्ति को उन विवादित स्थलों पर पूजा, नमाज अदा करने के लिए दूसरों को शामिल नहीं करना चाहिए या प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए जहां यह प्रथा प्रचलित नहीं है. इसके अलावा, किसी को भी एक-दूसरे के धार्मिक ग्रंथों का अपमान नहीं करना होगा या धार्मिक स्थानों या दीवारों पर धार्मिक झंडे, बैनर, पोस्टर नहीं लगाने होंगे और न ही ऐसे कार्यों में किसी की सहायता करनी होगी.