आगरा में इंस्पेक्टर संग पकड़ी गई महिला थाना प्रभारी
आगरा में इंस्पेक्टर संग पकड़ी गई महिला थाना प्रभारी 

उत्तर प्रदेश के आगरा में थाना कराबगंज के पीछे सरकारी आवास में थाना प्रभारी निरीक्षक शैली राणा और पवन कुमार की पिटाई के मामले में एसीपी सदर Dr. सुकन्या शर्मा की जांच में कई जानकारी सामने आई है. सूत्रों ने बताया कि पवन कुमार की पत्नी गीता यूं ही नहीं आई थी. उन्हें साजिश के तहत फोन करके बुलाया गया था.

इसके बाद सरकारी आवास तक ले जाया गया. इस पूरे काम में पुलिसकर्मियों का हाथ सामने आया है. सही साबूत मिलने पर अधिकारियों की रिपोर्ट दी जाएगी. आरोपी पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्यवाही के साथ मुकदमें में भी आरोप बनाए जा सकते हैं. 

थाना रकाबगंज की प्रभारी निरीक्षक शैली राणा के सरकारी आवास पर शनिवार को विजिलेंस के इंस्पेक्टर पवन कुमार की पत्नी गीता, साले ज्वाला, सोनिका,भतीजे दिग्विजय ने धावा बोला था. शैली राणा और पवन कुमार की पिटाई भी की थी. काफी देर तक हंगामा हुआ था. 

घटना की जानकारी पर मीडियाकर्मी भी पहुंचे थे. पुलिसकर्मियों के साथ अन्य ने भी वीडियो बनाए. बवाल होता रहा और थाने के पुलिसकर्मी खड़े होकर देख रहे थे. मामले में दो दरोगा , तीन मुख्य आरक्षी और तीन सिपाही पर कार्यवाही हुई थी.

दो से तीन पुलिसकर्मी हो सकते हैं शामिल

सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि इंस्पेक्टर शैली राणा की थाने के कुछ पुलिसकर्मियों से अनबन चल रही थी. शुक्रवार को उनकी एक मुंशी से तकरार भी हुई थी. इसके अगले दिन ही शनिवार को पवन कुमार की पत्नी गीता परिवार के सभी लोगों के साथ आई थी. इंस्पेक्टर का आवास काफी दूर था. वह सीधा आवास पर पहुंच गई थी. 

जांच में सामने आया कि थाने के दो से तीन पुलिसकर्मी साजिश में शामिल थे. उन्होंने फोन करके बुलाया था. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने ही आवास का रास्ता बताया. परिजन सीधे आ गए या फिर थाने भी गए थे, इसका पता करने के लिए थाने के सीसीटीवी फुटेज भी देखे जा रहे हैं. जांच अधिकारी के रडार पर जो भी पुलिसकर्मी है, उनकी कॉल डिटेल भी चेक की जा रही है.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

गुटबाजी की वजह से नहीं करने आए बचाव 

अमूमन किसी घटना पर पुलिस झगड़े को शांत कर देती है. मगर, इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. अपने ही थाने की इंस्पेक्टर की पिटाई होती रही और थाने के पुलिसकर्मी मुखदर्शक बनकर तमाशा देखते रहे. करवाही भले ही कर दी गई? मगर, अधिकारी यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि ऐसा व्यवहार क्यों किया गया? 

जांच में सामने आया कि थाने में गुटबाजी हावी है. इंस्पेक्टर से खफा पुलिसकर्मियों ने अपना गुट बना रखा था. यही वजह थी कि जब वह मौके पर पहुंचे तो सिर्फ तमाशा देखते रहे. मोबाइल से वीडियो भी बनाया. मीडियाकर्मियों को भी फोन करके बुलाया गया. वीडियो वायरल भी हुए. पूर्व में कुछ पुलिसकर्मियों को हटाया भी गया था. 

मीडियाकर्मियों के नाम हुए मुकदमें 

इंस्पेक्टर के घर पर बवाल हुआ. मीडियाकर्मी कवरेज करने पहुंचे. इस दौरान बावलियों के साथ इंस्पेटर के कमरे में भी घुस गए. इंस्पेक्टर शैली राणा ने बयान दिया कि वह मीडियाकर्मियों को रोक रही थी. वह कमरे में अंदर दाखिल हो गए. इस आधार पर मुकदमे में दो मीडियाकर्मियों को भी आरोपी बनाया गया है.

उन्हें साजिश में शामिल होना दर्शाया गया, जबकि जिन पुलिसकर्मियों के नाम सामने आ रहे हैं. उनके नाम अब तक नहीं बड़े है. आरोपियों के संपर्क में पुलिसकर्मी भी थे. अधिकारियों का कहना है कि सबूत मिलने पर कार्यवाही होगी. मुकदमें में आरोपी बनाकर जेल भेजा जाएगा. 

केस में जांच चल रही है. पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है. हालांकि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. तीन आरोपियों को जेल भेजा गया. बाकी की तलाश की जा रही है. वादी इंस्पेक्टर के बयान लिए गए हैं. आरोपियों को साजिश के तहत बुलाने के साक्ष्य मिले हैं. मामले की जल्द रिपोर्ट दी जाएगी.

यह भी पढ़े :  लीव इन रिलेशनशिप में रह रही युवती ने फांसी लगाकर की आत्महत्या